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पुनर्जन्म how to achive succes

               पकी सफलता में ही हमारी सफलता है


Badavichar.com में आपका स्वागत है |
                                        इस दुनिया में  हर किसी की जिंदगी में मुश्किल हालत ओर कठिन परिस्तिथियां अवश्य  आती है , लेकिन इन्ही हालत ओर कठिन परिस्तिथियों से निकलकर कुछ लोग अपनी जिंदगी के साथ- साथ इतिहास भी बदल देते है 
                    लेकिन कुछ लोग  इन्ही परिस्तिथियों में फंसे रह जाते है 

आपको एक कहानी के माध्यम से थोडा विस्तार  से समझाने की कोशिश करता हूँ , 
            ये कहानी है एक बाज की जिसकी उम्र लगभग 70 साल की होती है जैसा की आप भी जानते होंगे की बाज की नजरे ओर बार दोनों ही शातिर होती हैं | 
          
                     लेकिन 40 साल की उम्र होते  ही बाज के सामने तीन बड़ी समस्याए आ जाती हैं succes 

              1 . चोंच का ऊपर का हिस्सा नीचे की तरफ मुड  जाता  है जिस कारण वो पेट भर नहीं खा पता है 

              2 . पंजे बड़े होने की बजह से लचीले हो जाते है जिसकी बजह से वो शिकार  नहीं कर पता है  
              3 .  पंख ज्यादा होने  से भारी हो जाते हैं  जिससे वो उड़ नहीं पता है

*ये तीनो ही चीजे उसकी जिंदगी को जीने के लिय बहुत जरुरी हैं क्योकि बिना पंखो के उड़न नहीं की जा सकती 
*बिना पंजो के शिकार नहीं किया जा सकता 
*चोंच के बिना ठीक प्रकार से खाया नहीं जा सकता 
अब बाज के पास तीन रास्ते होते है जिनमे पहले दो तो सरल और एक कठिन 
 
पहला रास्ता - वो गीध कि तरह दुसरो के बचे हुये भोजन पर ही आश्रित रहे 
दूसरा रास्ता - अपनी जिन्दगी को ऊपर वाले के भरोसे छोड़ दे 
तीसरा रास्ता -  जो पीड़ादायक  है 

लेकिन बाज  पीड़ादायक वाला ही रास्ता चुनता है ओर यहाँ से शुरू होती है बाज के पुनर्जन्म की कहानी 

 सबसे पहले बाज अपने एरिये  के सबसे ऊँचे स्थान पर जाता है  वह अपना घोंसला बनाता है ओर फिर

 सबसे पहले अपनी चोंच को एक पत्थर पर मार मार  कर तोड़ देता है ओर इंतजार करता है अपनी चोंच के दोबारा से जमकर आने का , एक पंछी के लिए  अपनी चोंच  को तोड़ने से ज्यादा पीड़ादायक क्या होगा |


दूसरी बार में बाज अपने पंजो को पत्थर  पर घिस घिस कर उन्हें भी तोड़ देता है ओर इंतजार करता है उनके दोबारा से निकल आने का 
 
 अब बाज अपने पंखो को भी अपनी चोंच की सहायता से नोच नोच कर उखेड देता है ओर फिर इंतजार करता है उनके भी दोबारा से निकल आने का 

  150 दिन की मेहनत ओर पीड़ा से जूझकर बाज दोबारा से 30 साल ओर जीने के लिए तेयार हो जाता है फिर शानदार  तरीके से 30 साल ओर जीता है

 

 इस कहानी के माध्यम  से आपको समझाने का केवल इतना ही मकस्द है 
कि ठीक इसी प्रकार से हमारी जिन्दगी में भी कठिन परिस्त्थियाँ ओर मुश्किल हालात आते  हैं  हमे भी ठीक इसी प्रकार से अपने हालातो का सामना करते हुए उनका  समाधान निकालकर अपनी जिन्दगी को अच्छी तरह से जीना चाहिए | 
 
क्योकि मुश्किलें सभी के सामने आती हैं लेकीन उसका मतलब ये नहीं कि आप अपनी जिन्दगी में इन्ही में फंसे रहो ओर अपनी किस्मत को दोस दो 

बाज के भी एक तरफ 150 दिन की मेहनत दर्द तड़प संघर्ष था और दूसरी तरफ अगले ३० साल शानदार रजा बनकर रहने वाली जिंदगी 

यही हमारी जिंदगी में भी है और हमारा मन है की हम किया चुनते हैं कुछ दिनों की मेहनत या अगले 40-50 साल की शानदार जिंदगी, ज्यादातर लोग आरामदायक जिंदगी जीना चाहते हैं और आज का समय तो मस्ती में निकाल देते हैं लेकिन आने वाले 40-50 साल उनके लिए बहुत कठिन हो जाते हैं इसलिए आपने आज पर मेहनत करो कल अपने आप ठीक हो जायेगा  

एक बात को हमेशा याद रखना समस्या जहाँ से शुरू होती है बहां से ही उसका समाधान भी निकाला जाता  है 


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MR. VIKASH KUMAR MOTIVATIONAL SPEAKER 
  
                  





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